Rajasthan lakes Learning Trick


जैसा की प्राय यह देखा गया है की जब भी हम सामान्य ज्ञान को पढतें है तब हम देखते है कि उसे याद करने में कुछ कठिनाया होती है तथा अगर उसी सामान्‍य ज्ञान को हम किसी ट्रिक से पढनें व याद करने की कोशिश करते तो हम उससे जल्दी याद कर सकते है तथा समझ सकते है ।

राजस्थान में मीठे पानी और खारे पानी की दो प्रकार की झीलें हैं ।


1. खारे पानी की झील ।

2. मीठे पानी की झील ।


1. खारे पानी की झील :- खारे पानी की झीलों से नमक तैयार किया जाता है, खारे पानी की झीले राजस्थान राज्य में सर्वाधिक पश्चिमी राजस्थान व नागौर जिले में पायी जाती है । इस क्षेत्र मे टेथिस सागर के अवशेष होने के कारण यहा की झीले लवर्णीय है। यह झीलें पश्चिमी एशिया के मरुस्थल में स्थित 'प्लाया' या अर्जेंटीना के'साल्टा' झीलों के समान हैं। राजस्थान की इन झीलों के अंदर सोडियम क्लोराईड की मात्रा सर्वाधिक पायी जाती है। खारे पानी की झीलों को पलाया भी कहा जाता है। तटवर्ती प्रदेशों में खारे पानी की झीलें को कलाया या लेंगून कहते है । आइये जानते हैं राजस्थान में खारे पानी की कितनी प्रमुख झीले हैं और इन्हें कैसे याद रखे ।

इसे याद करने की आसान ट्रिक है "बापू रे कुत्ता साड़ी का पल्लू फाडे"

ट्रिक

झील

जिला

बा

बाप

जोधपुर

पू

पौकरण

जैसलमेर

रे

रेवासा

सीकर

कु

कुचामन

नागौर

ता

तालछापर

चुरू

सा

सांभर

जयपुर

डी

डीडवाना

नागौर

का

कावोद

जैसलमेर

पचभदरा

बाड़मेर

ल्लू

लुणकरणसर

बीकानेर

फा

फलौदी

जोधपुर

डे

डेगाना

नागौर


कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

-> सांभर झील देश की खारे पानी की सबसे बड़ी व प्राकृतिक झील है । यहां प्राचीन काल से नमक उत्पादन का कार्य किया जा रहा है। यहां देश का 8.7 प्रतिशत नमक उत्पादन होता है। यहां प्रतिदिन 50000 टन व प्रतिवर्ग किमी. 60000 टन नमक प्राप्त होता है।

-> सांभर झील का निर्माण बिजौलिया के अनुसार चैहान वंष के संस्थापक वासुदेव ने करवाया था ।

-> सांभर झील के अंदर प्रोटीन का एक अच्छा स्त्रोत स्पाइरूलिना नामक शैवाल पाया जाता है, जबकि स्वेडाफ्रूटी व सालवेडोरा स्पीसीज नामक वनस्पति खारेपन की मात्रा कम करती है। यहां केन्द्र सरकार की हिन्दुस्तान साल्ट लिमिटेड कम्पनी 1864 व राज्य सरकार की सांभर साल्ट लिमिटेड कम्पनी नमक उत्पादन करती है ।

-> सांभर झील से भारत के कुल नमक उत्पादन का 8.7% इसी झील से होता है ।

सांभर झील राजस्थान के तीन जिलों जयपुर,अजमेर और नागौर जिलों की सीमा बनाती है। इसे याद करने की आसान ट्रिक है "सांभर आज जाय ना"


ट्रिक

जिला

आज

अजमेर

जाय

जयपुर

ना

नागौर



-> पचपदरा जिला बाडमेर के बालोतरा क्षेत्र में स्थित है।

-> इस झील का निर्माण पंचा भील ने दलदल सुखाकर किया था।

-> इस झील से भी सर्वश्रष्ठ किस्म का नमक प्राप्त होता है, यहां से प्राप्त नमक में NaCI(सोडियम क्लोराइड) की मात्रा 98% होती है।

-> पचपदरा झील राजस्थान की नहीं बल्कि भारत की भी सबसे खारी झील है।

-> डीडवाना झील से प्राप्त नमक में सर्वाधिक फ्लोराइड पाया जाता है, इसलिए यह नमक खाने के योग्य नहीं है।

-> लूणकरणसर झील उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है।

-> लूणकरणसर झील बीकानेर जिले के लूणकरणसर कस्बे में स्थित है, यहां से कम मात्रा में वमक उत्पादन होता है।

-> डेगाना झील के पास भारत की सबसे बड़ी टंगस्टन खनिज परियोजना है।

-> फलौदी झील राज्य की सबसे शुष्क स्थान पर स्थित झील है।


1. मीठे पानी की झील :- मीठे पानी की झीलों का पानी पीने एंव सिंचाई के काम में आता है, राज्य में मीठे पानी की सर्वाधिक झीलें उदयपुर जिले में स्थित है, इन्हें ताजे पानी की झील भी कहा जाता है। यह वर्षा जल द्वारा निर्मित होती है । आइये जानते हैं राजस्थान में मीठे पानी की कितनी प्रमुख झीले हैं और इन्हें कैसे याद रखे ।

इसे याद करने की आसान ट्रिक है "बापू कौन रसिपी आज फउफा(फूफा) को (बताओ)?"

ट्रिक

झील

जिला

बा

बालसमंद

जोधपुर

पू

पुष्कर

अजमेर

कौ

कोलायत

बीकानेर

नक्की

सिरोही

रा

राजसमंद

राजसमंद

सी

सिलिसेढ

अलवर

पी

पिछौला

उदयपुर

आनासागर

अजमेर

जयसमंद

उदयपुर

फतेहसागर

उदयपुर

उदयसागर

उदयपुर

फा

फायसागर

अजमेर

का

कायलाना

जोधपुर



कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

-> भारत की सबसे पवित्र झील पुष्कर मानी मानी जाती है ।

-> भारत की सबसे बड़ी मीठे पानी की झील बूलर है ।

-> जयसमंद झील का निर्मााण महाराणा जयसिंह ने 1685-1691 में करवाया था । जयसिंह का कार्यकाल 1678-95 तक था ।

-> जयसमंद झील में ढेबर दर्रे से होने वाली गोमती नदी का पानी आता है, इसलिए इस झील का अन्य नाम ढेबर झील भी है ।

-> जयसमंद झील का प्राचीन नाम ढेबर झील है ।

-> जयसमंद झील पर कुल 7 टापू है ।

-> जयसमंद झील में गोमती, झावरी व बागर नदियों का जल गिरता है।

-> जयसमंद झील से दो नहरें श्यामपुरा बहर व भाट नहर निकाली गई है तथा इसके निकट 6 कलात्मक छतरियां व निकट पहाड़ी पर चित्रित हवामहल/रूठी रानी का महल स्थित है।

-> राजसमंद झील का निर्माण 1662 ईस्वी में महाराणा राजसिंह द्वारा कांकरोली (राजसमंद) के निकट करवाया गया था।

-> राजसमंद झील राजस्थान की एकमात्र झील हैं, जिसके नाम पर जिले का नाम पड़ा।

-> राजसमंद झील राजस्थान की दूसरी बड़ी कृत्रिम झील है।

-> द्वारकाधीश मंदिर और घेवर माता की छतरी राजसमंद झील के किनारे निर्मित है ।

-> पिछोला झील का निर्माण सीसा व रम्भा नदी के पानी को रोककर किया गया ।

-> पिछोला झील का निर्माण राणा लाखा के शासन काल में एक बंजारे ने 14 वीं शताब्दी के अंत में करवाया था। बाद में इसे उदय सिंह ने इसे ठीक करवाया। यह झील लगभग 7 किलोमीटर चौड़ी है। ।

-> पिछोला झील बेड़च नदी पर स्थित है ।

-> पिछोला झील में सीसा व रमा नदी आकर गिरती है। यह उदयपुर की सुंदरतम व प्राचीन झील है ।

-> फतेहसागर झील का निर्माण महाराणा जयसिंह ने 1687 में थूर के तालाब के साथ ही करवाया था।

-> फतेहसागर झील का पुनर्विर्माण 1888 ईस्वी में राणा फतेहसिंह ने करवाया था।

-> फतेहसागर एवं पिछोली झील को जोडने वाली झील स्वरूप सागर झील है ।

-> नक्की झील माउंट आबू (सिरोही) में स्थित है, इसका निर्माण 4 बीं शताब्दी में किया गया था ।

-> नक्की झील सबसे ऊंची, सबसे गहरी, विवर्तनिकी झील है ।

-> नक्की झील झील राजस्थान में जमने वाली एकमात्र झील है।